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ISSN: 2455-6211

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महादेवी वर्मा के ...

महादेवी वर्मा के गद्य के सामाजिक के सरोकार

Author Name : डॉ. देशराज वर्मा

शोध-पत्र सारांश

महादेवी वर्मा का लेखनउनके विचार के क्षणों की प्रेरक तथा समाधान भूमि है। उनका गद्य (विशेषकर स्त्री, काव्य तथा स्मृतिगद्य विवेचना) वैचारिक विवशता या चिन्ता की व्यापकता के कारण युगीन आवश्यकता बन गया था। भारतीय नारी की चिन्ता और चिन्तन के परिणाम स्वरूप श्रृंखला की कड़ियाँ तथा संस्मरण चित्र-साहित्य की लेखन-आयोजना अस्तित्व में आती है।महादेवी का स्त्री विषयक गद्य व्यापक सरोकारों की संश्लिष्ट अभिव्यक्ति है।

भारतीय समाज में व्याप्त भेदभाव शोषण वर्ण व्यवस्था, जाति व्यवस्था तथा स्त्री शोषण को केन्द्र में रखकर उन्होंने लेखन किया। स्त्री को सशक्त बनाने का संघर्ष-स्वर उनकी कविता की ध्वनि है। पुरुष प्रधान समाज में एक स्त्री का लिखना तथा साहित्यालोचन के केन्द्र में आना बड़ी बात थी, वह भी एक शताब्दी पूर्व के भारत में। महादेवी के अनुसार नारी समाज-व्यवस्था का आधा उत्तमांग है। साथ ही नारी की स्थिति समाज के विकास का मापदण्ड है। नारी से ही समाज में गति और जीवन है। महादेवी के अनुसार- स्त्री की कोमलतामयी सदाशयता और सहानुभूति समाज के सन्तप्त जीवन के लिये शीतल अनुलेप का कार्य करती है।