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गाँधीवाद तथा नमक सत्याग्रह
Author Name : डाॅ. मो. अजहर सुलैमान
सर-संक्षेप नमक सत्याग्रह का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्त्वपूर्ण योगदान है। 1930 ई0 में गाँधीजी ने निर्णय किया कि डांडी पहुँचकर वे नमक कानून भंग करके सत्याग्रह शुरू करेंगे। यह गाँव सावरमती आश्रम से लगभग 200 मील दूर समुद्र के किनारे अवस्थित है। 12 मार्च, 1930 को साढ़े छः बजे सवेरे 78 स्वयंसेवकों के साथ गांधीजी की ऐतिहासिक यात्रा शुरू हुई। ये स्वयंसेवक बिहार सहित विभिन्न प्रान्तों से आए थे। 241 मील दूरी तय करके गांधीजी 5 अप्रील को डांडी पहुँचे। 6 अप्रील राष्ट्रीय सप्ताह का पहला दिन था। उस दिन सवेरे ही डांडी समुद्र तट पर अपने अनुयाइयों के साथ पहुँच कर नमक बनाया। इस प्रकार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रथम चरण नमक सत्याग्रह के रूप में शुरू हुआ।