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कालिदास के काव्य ...

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कालिदास के काव्य ...

कालिदास के काव्य में प्रकृति चित्रण का अध्ययन

Author Name : मधुबाला मीना

शोध सारांश

कालिदास को मुख्य रूप से प्रकृति प्रेम का प्रमुख कवि माना जाता है। कालिदास प्रकृति की गोद में पले-बढ़े। अतः जब हम उनकी रचनाओं को देखते हैं तो पाते हैं कि उनके पात्र भी प्रकृति में ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं। यह बिल्कुल स्वाभाविक और सत्य है कि मानव जीवन और प्रकृति का मनुष्य के जन्म से ही अविच्छेद्य संबंध है। मानव जीवन प्रकृति के बिना मृत है। कालिदास भी प्रकृति से जुड़े हुए व्यक्ति थे। यही कारण है कि उनकी रचनाओं में हमें प्रकृति का चित्रण मिलता है। महाकवि कालिदास प्रकृति के उपासक हैं। वे प्रकृति के अनन्य प्रेमी हैं, उन्होंने आंतरिक और बाह्य प्रकृति दोनों का चित्रण किया। उनका यह चित्रण आत्मबोध और सूक्ष्म अवलोकन पर आधारित है। यद्यपि महाकवि ने कहीं-कहीं प्रकृति के विकराल रूप का चित्रण किया है, किन्तु प्रकृति का कोमल रूप उन्हें अधिक प्रिय है अतः प्रस्तुत शोध पत्र में कालिदास के काव्य में प्रकृति चित्रण का अध्ययन किया गया है ।

मुख्य बिन्दु:-  महाकवि कालिदास , महाकवि की रचनाएं , प्रकृति का चित्रण , प्रकृति चेतन एवं भावनायुक्त , कालिदास के काव्य में विविध रूपों में प्रकृति चित्रण  एवं निष्कर्ष ।