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कामकाजी महिलाओं में साइबर कानून का संज्ञान एवं जागरूकता (वाराणसी महानगर पर आधारित एक अध्ययन)
Author Name : डॉ0 रश्मि श्रीवास्तव
सार संक्षेप
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने वर्ष 2020 में 136 साइबर अपराध की शिकार महिलाओं के मामले दर्ज किये। राज्य महिला आयोग के पास अधिकांशतः महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित शिकायते ही ज्यादा पहुँचती है। लेकिन वर्ष 2020 में साइबर अपराध की शिकार महिलाओं की शिकायतें अधिक पहुँची है। साइबर अपराध की शिकार महिलाएं अपनी शिकायतें साइबर थाने में न ले जाकर महिला आयोग के पहुँचती है जबकि उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध को देखते हुए 18 साइबर थाने खोले गये है। शायद इसकी वजह यह है कि महिलाओं के साथ साइबर अपराध की जो घटनाएं घटती है उसमें अधिकांश तमामले वह होते हैं जिसमें अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है। महिलाओं में सोशल मीडिया से जुड़ने और दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए इण्टरनेकट का उपयोग करने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। कामकाजी महिलाएं तो दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए अधिकांशतः ऑनलाइन खरीददारी, ऑनलाइन लेन-देन पर निर्भर रहती है। डिजिटल दुनियाँ से उनका जीवन जितना आसान हुआ है उसके नकारात्मक प्रभाव भी उतने बढ़े हैं। नकारात्मक प्रभाव के रूप में साइबर अपराध के खतरे बढ़े है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इस साइबर दुनियाँ में महिलाएं कितनी सुरक्षित है? उन्हें साइबर कानून का कितना संज्ञज्ञन है। इसलिए कामकाजी महिलाओं में साइबर कानून के संज्ञान और जागरूकता शोध का विषय है।
मुख्य बिन्दु- साइबर अपराध, साइबर कानून।