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अज्ञेय की स्त्री ...

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अज्ञेय की स्त्री ...

अज्ञेय की स्त्री दृष्टि

Author Name : श्री धर्मवीर

भूमिका
अज्ञेय जी अन्य लेखकों, कवियों या अन्य विचारकों से ज़रा हटकर सोच रखते हैं। उनके लेखन में आपको चिंतन व लेखन की एक अलग विचारधारा देखने को मिलती है। अज्ञेय जी का दृष्टिकोण प्रयोगवादी, प्रगतिवादी रहा है। इसी शृंखला में उनका नारी के प्रति जो दृष्टिकोण रहा है, वह भी अन्य से अलग ही रहा है। हिन्दी कथा साहित्य को नयी दिशा देने में अज्ञेय जी अग्रणी रहे हैं। अज्ञेय कथा साहित्य की नारी एक ओर पुरूष पर न्यौछावर होने में अपनी सार्थकता समझती है। दूसरी ओर क्रांति की अग्रदूत बन देश-प्रेम हेतु बलिदान भी हो जाती है। साहित्य समाज का दर्पण होता है। अज्ञेय ने अपने कथा साहित्य मंे नारी की सामाजिक स्थिति को उच्चत्तर बनाने का भरपूर प्रयास किया है। युग की अभिव्यक्ति के अनुकूल नारी जीवन की प्रमुख समस्याओं को अज्ञेय ने अपने कथा साहित्य में स्थान दिया है