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ISSN: 2455-6211

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नरेन्द्र मोहन के ...

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नरेन्द्र मोहन के ...

नरेन्द्र मोहन के साहित्य का सामाजिक यथार्थ

Author Name : सुमन देवी

संवेदनशील सामान्यजन, साहित्यकारों एवं कवियों द्वारा समकालीन समाज के पं्रति सचेत होना ही उनकी सामाजिक चेतना है। एक चैतन्य कवि समाज से निरपेक्ष होकर नहीं रह सकता। नरेन्द्र अपने युग के समाज, सामाजिक स्थिति, दशा, घटनाओं, परिवर्तनों, प्रवृत्तियों, सामाजिक प्रथाओं, कुरीतियों और विशेषताओं के प्रति सजग रहे। उनकी रचनाएँ उनकी सामाजिक सजगता का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। उनकी कविताओं से सामाजिक युग सुस्पष्ट हो जाता है।